Not known Factual Statements About sidh kunjika
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श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।”
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
On chanting on the whole, Swamiji says, “The greater we recite, the greater we pay attention, and the greater we attune ourselves towards the vibration of what's staying mentioned, then the greater we will inculcate that Frame of mind. Our intention amplifies the attitude.”
भ्रां भ्रीं भ्रूं here भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥ ११ ॥